भारत से उलझना पड़ा भारी, बिना पानी फड़फड़ाने लगा PAK, 2 दिन में सूख गई चिनाब; अब कैसे करें फसलों की बुवाई?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जो ‘वॉटर स्ट्राइक’ की रणनीति अपनाई है, उससे पाकिस्तान में पानी के लिए हाहाकार मच गया है। खरीफ फसलों के लिए नदी नहरों से पानी न मिलने से किसानों में चिंता की लहर दौड़ गई है। सिंधु-झेलम से लेकर चिनाब नदी में पानी का प्रवाह एकदम कम है। भयंकर गर्मी और पानी न होने से खेतों में भी चौड़ी दरारें हो गई हैं।

Chhattisgarh – पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू, पंचायत सचिव के साथ मारपीट का मामला

गिड़गिड़ा रहे शहबाज, भारत के फैसले पर रोना रोया

पाकिस्तान में फसल बुआई के लिए पानी की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है। भारत ने चेनाब नदी का जल प्रवाह कम कर दिया है, जिससे पाकिस्तान के प्रमुख बांधों में पानी की कमी हो गई है। इससे हड़बड़ाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ताजिकिस्तान के दुशांबे में हुई ग्लेशियर संरक्षण के सम्मेलन में गुहार लगाई। उन्होंने सिंधु जल संधि रद्द करने के भारत के फैसले पर रोना रोया। भारत की तरफ पानी की सप्लाई में कटौती से पाकिस्तान में जो हालात पैदा हुए हैं, उससे साफ है कि अब पानी की एक-एक बूंद के लिए शहबाज शरीफ और असीम मुनीर को दुनिया के सामने झुकना पड़ सकता है।

Advertisement

पाकिस्तान ने क्या आरोप लगाया?

पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत ने चेनाब नदी में पानी का बहाव बड़ी मात्रा में घटा दिया है। पाकिस्तान की जल और विद्युत विकास प्राधिकरण (WAPDA) ने जानकारी दी है कि पिछले 2 दिनों में चिनाब नदी में पानी के बहाव में तेज गिरावट दर्ज की गई है। WAPDA के आंकड़ों के मुताबिक, 29 मई को माराला हेडवर्क्स पर पानी का बहाव 98,200 क्यूसेक था, जो एक जून तक घटकर मात्र 7,200 क्यूसेक रह गया। हालांकि भारत की ओर से इस कटौती पर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन पाकिस्तान इसे भारत की एक रणनीतिक चेतावनी मान रहा है।

CG – घर के बाहर खेल रही थी बच्ची, अकेला देख उठा ले गया शख्स, पुलिस ने ऐसे किया रेस्क्यू

IRSA ने क्या कहा?

इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) ने चिनाब नदी में जल प्रवाह में भारी उतार-चढ़ाव को गंभीर चिंता का विषय बताया है। IRSA के प्रवक्ता खालिद इदरीस राणा ने कहा कि भारत द्वारा चिनाब के जल प्रवाह में कमी से न केवल खरीफ फसलों, विशेष रूप से चावल पर खतरा मंडरा रहा है। साथ ही मंगला डैम के जल भंडारण पर भी असर पड़ सकता है।

भारत ने क्यों रोका पानी?

22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने 23 अप्रैल को ऐलान किया था कि वह अब सिंधु जल संधि को व्यवहार में नहीं लाएगा। केंद्र सरकार का स्पष्ट कहना है, ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।’ यानी जब पाकिस्तान की सरज़मीं से आतंकवादी भारत में खून बहा रहे हों, तब पाकिस्तान को पानी देना राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।

अब क्या करेगा पाकिस्तान?

बता दें कि भारत की ओर से चेनाब नदी में पानी के बहाव को कम किए जाने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। खासकर पंजाब प्रांत की खेती पर इसका गहरा असर पड़ रहा है, जहां चेनाब नदी को जीवनरेखा माना जाता है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को ठंडे बस्ते में डालने के बाद यह कदम पाकिस्तान के लिए दोहरी मार बनता जा रहा है। चेनाब नदी की अपर चेनाब और बीआरबी (बम्बावाली-रावी-बेडियन) जैसी नहरें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हजारों एकड़ कृषि भूमि को सींचती हैं। लेकिन अब पानी के प्रवाह में आई तेज गिरावट ने फसल उत्पादन पर खतरे की घंटी बजा दी है। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी आतंकवादी नीतियों पर लगाम लगाएगा या फिर और बड़ी आपदा के लिए तैयार रहेगा?

Spread the love
Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement