छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास: सुख-समृद्धि के लालच में भगवान पर चढ़ाया खून, अब पहुंचे सलाखों के पीछे…

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से एक अंधविश्वास का मामला सामने आया है. राजिम स्थित एक मंदिर में रविवार शाम ग्रामीण जब पूजा करने मंदिर पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. मूर्तियों पर अजीबों-गरीब ढंग से लगे खून को देखकर भक्तों में डर समा गया. इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने राजिम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि अज्ञात लोगों द्वारा मंदिर को अपवित्र करने की कोशिश की गई है.

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शिकायत मिलने पर राजिम पुलिस ने मामला दर्ज किया और अज्ञात आरोपियों की जांच में जुट गई. विवेचना के दौरान राजिम पुलिस ने ग्राम देवरी निवासी 2 संदेहियों लीलाराम साहू और कामता प्रसाद को हिरासत में लिया. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कुबूल किया कि उन्होंने जानबूझकर देवी-देवताओं की मूर्तियों पर खून लगाया. इस घटना को अंजाम देने के पीछे का तर्क और भी चौंका देने वाला है.

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आरोपियों ने बताया कि उनको कही से जानकारी मिली थी कि देवी देवताओं पर खून की तिलक लगाने से घर में सुख समृद्धि एवं धन-दौलत आता है. इसी अंधविश्वास में आकर उनके द्वारा मंदिर में विराजमान सभी देवी/देवताओं के मूर्तिओं में खून लगाया गया था.

इस मामले में गरियाबंद ASP जीतेन्द्र चंद्राकर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 298, 3(5) के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनो आरोपियों के विरूद्ध पृथक से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की गई है.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:

  1. लीला राम साहू (उम्र 42 साल), पिता- श्याम लाल साहू, निवासी- ग्राम देवरी स्कूलपारा थाना राजिम जिला गरियाबंद.
  2. कामता प्रसाद साहू (उम्र 50 साल), पिता- अधारी साहू, निवासी- ग्राम देवरी स्कूलपारा थाना राजिम जिला गरियाबंद.
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