टोल प्लाज़ा में चक्काजाम पर NSUI अध्यक्ष समेत 9 पदाधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज, रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर लगा था लंबा जाम

रायपुर : तरपोंगी टोल प्लाज़ा पर बीते रविवार को हुए NSUI के विरोध प्रदर्शन के मामले में अब कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। चक्काजाम और यातायात बाधित करने के आरोप में NSUI के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे सहित 9 नामजद पदाधिकारियों और अन्य अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मामला धरसीवां थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

क्या था मामला?

13 जुलाई को NSUI रायपुर जिला इकाई द्वारा टोल टैक्स, छात्र हित, और स्थानीय बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर तरपोंगी टोल प्लाज़ा पर प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन की अगुवाई NSUI के जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने की, जबकि प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे की मौजूदगी में सैकड़ों छात्र कार्यकर्ता टोल प्लाज़ा पर जुटे। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने टोल का घेराव कर चक्काजाम किया, जिससे रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर लंबा जाम लग गया।

FIR में नामजद पदाधिकारी

  • नीरज पांडे (प्रदेश अध्यक्ष)
  • प्रशांत गोस्वामी (जिला अध्यक्ष)
  • अमित शर्मा (उपाध्यक्ष)
  • लेमन सोनवानी
  • विशाल कुकरेजा
  • जग्गू जांगड़े
  • वैभव मुजेवार
  • भावेश साहू
  • जितेश वर्मा सामेत कई अन्य अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कार्रवाई दर्ज हुई है।

FIR में किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला?

बता दें कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बी.एन.एस की धारा 191 (2) यानी दंगा करने और 126 (2) गलत तरीके से रोकने के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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NSUI की प्रतिक्रिया

NSUI की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान FIR को लेकर नहीं आया है, लेकिन संगठन पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि यदि उनकी चार सूत्रीय मांगे पूरी नहीं होतीं, तो 10 दिन के भीतर और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

क्या है NSUI की प्रमुख मांगें ?

  1. CG 04 पासिंग वाहनों से टोल टैक्स समाप्त किया जाए, जिले की सीमाओं पर टोल लगाना अन्यायपूर्ण है। स्थानीय नागरिकों पर यह आर्थिक बोझ गैरवाजिब है और इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।
  2. छात्रों के लिए “स्टूडेंट टोल पास” की व्यवस्था की जाए, प्रतिदिन रायपुर आकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। NSUI ने मांग की कि विद्यार्थियों के लिए टोल टैक्स पूरी तरह माफ किया जाए या रियायती “स्टूडेंट पास” की व्यवस्था हो, जिससे वे शिक्षा के लिए निर्बाध आवागमन कर सकें।
  3. टोल प्लाजा कर्मचारियों द्वारा यात्रियों से दुर्व्यवहार रोका जाए, कई बार टोल कर्मचारियों द्वारा आम नागरिकों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें आई हैं। NSUI ने मांग की कि टोल स्टाफ को व्यवहार-कुशलता का प्रशिक्षण दिया जाए और किसी भी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
  4. स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी जाए, टोल प्लाजा में बाहरी लोगों को नौकरी पर रखा जा रहा है जबकि आसपास के स्थानीय युवाओं को रोजगार से वंचित किया जा रहा है। NSUI की मांग है कि टोल प्लाजा में प्राथमिकता स्थानीय बेरोजगार युवाओं को मिले।

इस मामले में पुलिस द्वारा अन्य प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है, जिसके बाद उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही, जिला प्रशासन भी टोल प्लाज़ा की सुरक्षा व्यवस्था और प्रदर्शन के दौरान हुई चूक की जांच में जुटा है। यह मामला अब केवल आंदोलन का नहीं रहा, बल्कि प्रशासन और छात्र संगठन के बीच सीधा टकराव बन गया है। अब देखना होगा कि NSUI अपनी अगली रणनीति में क्या रुख अपनाता है, और क्या सरकार उनकी मांगों पर विचार करती है या सख्ती के रास्ते पर आगे बढ़ती है।

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