रायपुर। राज्य जीएसटी विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी फर्मों के जरिये करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी करने वाले एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। विभाग ने जीएसटी एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस नेटवर्क (GAINS) तथा जीएसटी प्राइम पोर्टल की मदद से इस नेटवर्क का पता लगाया।
इस सिंडिकेट का सरगना मोहम्मद फरहान सोरठिया है, जो खुद को जीएसटी कर सलाहकार बताता था। वह फर्जी फर्मों के माध्यम से बोगस इनवॉइस जारी करता था और टैक्स क्रेडिट के रूप में भारी राशि की हेराफेरी कर रहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, फरहान और उसके साथियों ने कई गैर-मौजूद फर्मों के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवाए और उनके जरिए फर्जी लेन-देन दर्शाए। इन बोगस बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा किया जा रहा था, जिससे सरकार को हर माह करोड़ों का नुकसान हो रहा था।
जीएसटी विभाग ने छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज, कम्प्यूटर, और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच में अनुमान लगाया गया है कि यह सिंडिकेट अब तक 50 करोड़ रुपये से अधिक का कर अपवंचन कर चुका है।
फरहान को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और पूरे नेटवर्क की कड़ियां खंगाली जा रही हैं। विभाग ने यह भी संकेत दिए हैं कि इसमें कई और नाम उजागर हो सकते हैं और आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं।
राज्य जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि कर चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसे अपराधों पर लगाम लगाई जाएगी।
यह कार्रवाई राज्य के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है और जीएसटी प्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।