बालोद। जिले में एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने एक युवक की जान ले ली। यह गंभीर मामला बालोद जिले के कांदुल क्षेत्र से सामने आया है, जहां बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री के इलाज कर रहे रेखराम साहू नामक फर्जी डॉक्टर की वजह से युवक की मौत हो गई।
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पीड़ित युवक की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे उपचार के लिए रेखराम साहू के पास लेकर गए थे। इलाज के नाम पर उसने गलत दवाइयां दीं, जिससे युवक की हालत और बिगड़ गई। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही युवक ने दम तोड़ दिया। परिजनों को जब डॉक्टर की कार्यशैली पर संदेह हुआ तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और जब रेखराम साहू के दस्तावेजों की जांच की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। आरोपी की चिकित्सा डिग्री पूरी तरह फर्जी पाई गई। वह लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्र में बिना किसी वैध प्रमाणपत्र के चिकित्सा कर रहा था।
पुलिस ने आरोपी रेखराम साहू को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। इस मामले ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम कसने की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और जागरूकता के अभाव के कारण झोलाछाप डॉक्टर फल-फूल रहे हैं, जो लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि ऐसे फर्जी चिकित्सकों पर निगरानी रखी जाए और लोगों को सही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।