Raipur Breaking – नकली माइनिंग अधिकारी बनकर वसूली की कोशिश, दो आरोपी गिरफ्तार

रायपुर – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो खुद को खनिज विभाग का अधिकारी बताकर हाइवा चालकों से अवैध रूप से वसूली करने की कोशिश कर रहे थे। यह सनसनीखेज मामला राजधानी के राखी थाना क्षेत्र का है, जहां आरोपी अविनाश शर्मा और विनय यादव ने फर्जी माइनिंग अधिकारी बनकर ट्रकों को रोकना और चालकों से पैसे मांगना शुरू कर दिया था।

घटना की जानकारी उस समय सामने आई जब राखी थाना क्षेत्र में कुछ हाइवा चालकों ने दो संदिग्ध युवकों द्वारा बार-बार रास्ता रोकने और माइनिंग दस्तावेजों की जांच करने की शिकायत की। चालकों को शक हुआ कि दोनों युवक सरकारी अधिकारी नहीं हैं, क्योंकि उनके पास कोई आधिकारिक आईडी या अनुमति पत्र नहीं था। इसके बाद ट्रक चालकों ने इसकी सूचना थाना राखी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही राखी थाना की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और दोनों संदिग्धों से पूछताछ की। पहले तो दोनों ने खुद को माइनिंग विभाग का अधिकारी बताया, लेकिन जब पुलिस ने उनसे पहचान पत्र और सरकारी दस्तावेज मांगे, तो वे घबरा गए और साफ हो गया कि वे फर्जी अधिकारी हैं।

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पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने तत्काल दोनों आरोपियों – अविनाश शर्मा और विनय यादव को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने कबूल किया कि वे सरकारी अधिकारी नहीं हैं और अवैध वसूली के इरादे से ट्रक चालकों को रोक रहे थे। पुलिस ने उनके पास से एक फर्जी दस्तावेज, एक मोबाइल फोन और एक बाइक जब्त की है, जिसका इस्तेमाल वे वसूली में कर रहे थे। राखी थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। इसमें धोखाधड़ी, सरकारी कर्मचारी बनकर ठगी करने और डराने-धमकाने जैसी धाराएं शामिल हैं।

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पहले भी कर चुके हैं ठगी की कोशिश
प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपी पहले भी अलग-अलग इलाकों में इसी तरह की हरकत कर चुके हैं। वे रात के समय सूनसान रास्तों पर ट्रकों को रोकते थे और खुद को खनिज निरीक्षक बताकर चालकों से दस्तावेज मांगते थे। फिर छोटी-मोटी कमियों को बताकर जुर्माना या रिश्वत के नाम पर पैसे वसूलते थे। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनका नेटवर्क कितना बड़ा है और क्या इनके साथ अन्य लोग भी इस गिरोह में शामिल हैं। साथ ही, आरोपियों के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है।
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