छत्तीसगढ़ में कृषि के साथ-साथ उद्योगों के विकास के लिए है अनुकूल वातावरण – सीएम साय

रायपुर – छत्तीसगढ़ में खनिज, वन सहित अन्य प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं. इसके फलस्वरूप कृषि के साथ-साथ उद्योग-धंधों सहित प्रत्येक क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं. आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी मौजूदा क्षमताओं का सही ढंग से उपयोग कर प्रदेश और देश के नव निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विगत दिवस नवा रायपुर स्थित आईआईएम परिसर में दंतेवाड़ा के नवोदित उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे. उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा जिले के 50 युवाओं का एक बैच देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान आईआईएम में उद्यमिता का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है. मुख्यमंत्री साय ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि यह प्रशिक्षण उनके कैरियर निर्माण और जीवन संवारने में अत्यंत कारगर सिद्ध होगा.

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जब कोई युवा उद्यमी अपने सपनों को साकार करता है, तो वह अनेक युवाओं के लिए प्रेरणा और अवसर का द्वार खोलता है. यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप सभी बस्तर क्षेत्र से हैं और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. आज बस्तर को सबसे संभावनाओं वाला क्षेत्र माना जा रहा है. प्रशिक्षण में आपने उद्यमिता से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सीख ली हैं. अब उन्हें लागू कर अपने उद्यम को आरंभ कीजिए. शासन की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र के साथ-साथ उद्योगों के विकास के लिए भी अनुकूल वातावरण है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के समग्र विकास के लिए हम निरंतर नवाचार, अनुसंधान तथा उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रहे हैं. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए हमने ‘नई औद्योगिक नीति 2024-30’ लागू की है. इस नीति का मूल मंत्र है: “न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन.” इसके तहत उद्योग स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ‘सिंगल विंडो 2.0’ व्यवस्था लागू की गई है, जिसके माध्यम से सभी आवश्यक क्लीयरेंस सुलभता से प्रदान किए जा रहे हैं. नई औद्योगिक नीति में प्रदेश के पिछड़े माने जाने वाले बस्तर और सरगुजा अंचल को सर्वाधिक निवेश प्रोत्साहन क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है, ताकि उनका त्वरित विकास सुनिश्चित हो सके.

मुख्यमंत्री साय ने चर्चा के दौरान यह भी बताया कि नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत बस्तर में उद्योग स्थापित करने पर विशेष अनुदान का प्रावधान किया गया है. बस्तर के विकास का रोडमैप भी गत माह तैयार किया गया है, जिसमें कृषि, वनोपज आधारित व्यवसाय और पर्यटन सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई गई हैं. बस्तर की कनेक्टिविटी अब उत्कृष्ट हो गई है, जिससे उद्यमियों के उत्पाद देश भर के बाजारों तक आसानी से पहुँच सकें. सड़कों के सशक्त जाल के माध्यम से विकास को प्रोत्साहन मिलता है.

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मुख्यमंत्री साय से मुलाकात के दौरान युवा अत्यंत उत्साहित नजर आए और उन्होंने भी अपने अनुभव साझा किए. इस अवसर पर बड़े बचेली से चंद्रकुमार साहू, किरंदुल-बैलाडीला से अभिषेक गुप्ता, बचेली से अनिरुद्ध कुमार, बीजापुर से तेजस्व कुमार और नीलम पांडे, बचेली से कु. शिल्पा कुमारी तथा दंतेवाड़ा से राकेश यादव सहित कुल 50 युवा उद्यमी उपस्थित थे.

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