Chhattisgarh Teacher suspension : शिक्षक का वीडियो वायरल, बच्चों को गलत पढ़ाने पर तत्काल निलंबन

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Chhattisgarh Teacher suspension

Chhattisgarh Teacher suspension : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक बड़ा शिक्षा प्रबंधन से जुड़ा मामला सामने आया है। वाड्रफनगर ब्लॉक के प्राथमिक पाठशाला मचानडांड कोगवार में बच्चों को गलत अंग्रेजी स्पेलिंग सिखाते हुए एक शिक्षक का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सहायक शिक्षक (एलबी) प्रवीण टोप्पो को निलंबित कर दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसके बाद पूरे जिले में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे।

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वायरल वीडियो में दिखा गलत पढ़ाने का तरीका

वायरल वीडियो में सहायक शिक्षक प्रवीण टोप्पो बच्चों को अंग्रेजी की बेहद सामान्य शब्दों की भी गलत स्पेलिंग लिखवा रहे थे।
वीडियो में बच्चे इन गलत स्पेलिंग को कॉपी कर रहे थे, जिससे अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों में नाराजगी बढ़ गई।

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वीडियो में लिखवाए गए गलत शब्द:

  • Nose की जगह Noge

  • Ear की जगह Eare

  • Eye की जगह Ley

इसके अलावा,

  • Days of the Week,

  • Parents और Siblings के English Words,

  • तथा अन्य बुनियादी शब्दों की स्पेलिंग भी ब्लैकबोर्ड पर गलत पाई गईं।

शिक्षक की यह गलती बच्चों की मूलभूत शिक्षा पर सीधा असर डालने वाली थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भारी आलोचना शुरू हो गई।

शिक्षा विभाग की त्वरित कार्रवाई – जांच के बाद निलंबन

वीडियो सामने आते ही जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एम.आर. यादव ने तत्काल जांच के आदेश दिए।संकुल समन्वयक को स्कूल भेजा गया, जहां जांच में यह पुष्टि हुई कि:

  • बच्चों को गलत अंग्रेजी स्पेलिंग पढ़ाई जा रही थी

  • ब्लैकबोर्ड पर लिखे शब्द वीडियो से मेल खाते थे

  • शिक्षक की शिक्षण पद्धति सही नहीं थी

रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद DEO ने सहायक शिक्षक प्रवीण टोप्पो को निलंबित कर दिया।जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि गलत स्पेलिंग के कारण छात्रों की आधारभूत शिक्षा प्रभावित हो रही थी, जो भविष्य में बड़ी शैक्षणिक समस्या बन सकती थी।

42 छात्रों वाला विद्यालय, अब शिक्षकों की कमी

प्राथमिक विद्यालय मचानडांड कोगवार में कुल 42 छात्र अध्ययनरत हैं।स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ थे, जिनमें से एक के निलंबन के बाद अब स्कूल में शिक्षकों की कमी हो गई है।

अभिभावकों ने चिंता जताते हुए कहा:

“हम अपने बच्चों को स्कूल इसलिए भेजते हैं ताकि वे सही शिक्षा लें। गलत स्पेलिंग सीखकर उनका पूरा भविष्य खराब हो सकता है। विभाग को तुरंत नया शिक्षक भेजना चाहिए।”

मामले ने उठाए शिक्षा गुणवत्ता पर सवाल

यह घटना सिर्फ एक शिक्षक की गलती नहीं, बल्कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता आधारित शिक्षा को लेकर बड़ी समस्या को उजागर करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि:

  • शिक्षक प्रशिक्षण की समीक्षा जरूरी है,

  • प्राथमिक कक्षाओं में गुणवत्ता मॉनिटरिंग बढ़ाई जानी चाहिए,

  • और स्कूलों में surprise inspection अनिवार्य किए जाएं।

अंग्रेजी विषय में गलत शब्दों की शिक्षा बच्चों की नींव को कमजोर कर देती है, जिसका असर आगे की पढ़ाई पर सीधे पड़ता है।

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