चुनाव आयोग का बड़ा बयान- वोटर लिस्ट पर सिर्फ हमारा अधिकार

नई दिल्ली।’ चुनाव आयोग (EC) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा- पूरे देश में समय-समय पर स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कराना उसका विशेषाधिकार है। कोर्ट इसका निर्देश देगी तो ये अधिकार में दखल होगा।

आयोग ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार वोटर लिस्ट बनाना और उसमें समय-समय पर बदलाव करना सिर्फ चुनाव आयोग (EC) का अधिकार है। यह काम न किसी और संस्था और न ही अदालत को दिया जा सकता।

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चुनाव आयोग ने कहा कि हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और वोटर लिस्ट को पारदर्शी रखने के लिए लगातार काम करते हैं। यह हलफनामा एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर दायर किया गया था। याचिका में मांग की गई थी कि

चुनाव आयोग को भारत में विशेष रूप से चुनावों से पहले SIR कराने का निर्देश दिया जाए, ताकि देश की राजनीति और नीति केवल भारतीय नागरिक ही तय करें।

EC ने 5 जुलाई 2025 को बिहार को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEO) को पत्र भेजकर 1 जनवरी 2026 की पात्रता तिथि के आधार पर SIR की तैयारियां शुरू करने का निर्देश दिया था।

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