केंद्र सरकार बच्चों की शिक्षा पर बढ़ते खर्च को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी परिषद की अगली बैठक में शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती पर विचार किया जा सकता है। अगर यह फैसला लिया जाता है तो कॉपी-किताबें, स्टेशनरी और अन्य जरूरी शैक्षणिक सामग्री सस्ती हो जाएंगी, जिससे अभिभावकों पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ काफी कम होगा।
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शिक्षा पर क्यों है जीएसटी की मार?
वर्तमान में, शिक्षा से जुड़ी कई आवश्यक वस्तुओं पर 12% से 18% तक का जीएसटी लगता है। उदाहरण के लिए, नोटबुक्स और प्रिंटिंग पेपर पर 12%, जबकि पेन, पेंसिल, ज्योमेट्री बॉक्स और अन्य स्टेशनरी आइटम पर 18% तक जीएसटी लगता है। इन उच्च दरों के कारण, हर साल बच्चों की स्कूल फीस के अलावा कॉपी-किताबों और स्टेशनरी पर भी अभिभावकों को काफी खर्च करना पड़ता है।
क्या-क्या हो सकता है सस्ता?
अगर सरकार जीएसटी दरों में कटौती का फैसला करती है, तो कई चीजें सस्ती हो सकती हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- नोटबुक्स और कॉपी: वर्तमान में इन पर 12% जीएसटी लगता है। इसे 5% या उससे भी कम किया जा सकता है।
- पेंसिल और पेन: ये दोनों ही 18% जीएसटी के दायरे में आते हैं। इन पर भी कटौती की संभावना है।
- कलर बॉक्स और ड्राइंग पेपर: आर्ट्स और क्राफ्ट के लिए जरूरी इन वस्तुओं पर भी जीएसटी कम किया जा सकता है।
- स्कूल बैग: स्कूल बैग पर भी जीएसटी दर कम करने पर विचार हो सकता है, जिससे यह बच्चों के लिए और भी किफायती हो जाएगा।
- अन्य स्टेशनरी: ज्योमेट्री बॉक्स, स्केल, इरेज़र और अन्य स्टेशनरी आइटम भी सस्ते हो सकते हैं।
सरकार की पहल का असर
शिक्षा पर जीएसटी दरों में कटौती का सीधा फायदा लाखों परिवारों को मिलेगा। यह न केवल उनके बजट को राहत देगा, बल्कि शिक्षा को सभी वर्गों के लिए अधिक सुलभ और किफायती भी बनाएगा। यह कदम सरकार के ‘सबके लिए शिक्षा’ के लक्ष्य को भी मजबूती देगा।
हालांकि, अभी तक जीएसटी परिषद की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन अगर यह फैसला लिया जाता है तो यह अभिभावकों के लिए एक बड़ी राहत होगी।