Kanha का इस रहस्यमयी अंक से है खास कनेक्शन, जन्म से मृत्यु तक इस नंबर ने नहीं छोड़ा साथ

भगवान कृष्ण के जीवन की शुरुआत से लेकर अंत समय तक एक अंक हमेशा उनके जीवन को प्रभावित करता रहा। यह अंक रहस्यमयी ग्रह शनि से संबंधित है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अंक 8 की जिसका स्वामी ग्रह शनि है। भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि यानि 8 तारीख को हुआ था और इसी के साथ अंक आठ के साथ इनका संबंध बन गया। ऐसे में आइए जान लेते हैं भगवान कृष्ण और अंक 8 के संबंध के बारे में।

विष्णु भगवान के आठवें अवतार

विष्णु भगवान के आठवें अवतार के रूप में कृष्ण भगवान ने धरती पर जन्म लिया था। भगवान कृष्ण को विष्णु भगवान का पूर्ण अवतार भी कहा जाता है।

अष्टमी तिथि को हुआ जन्म

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानि 8 तारीख को हुआ था। यानि उनका मूलांक भी 8 ही था।

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देवकी और वासुदेव की 8वीं संतान

भगवान कृष्ण का जन्म देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में कारवास में हुआ था। हालांकि भगवान कृष्ण का लालन-पालन यशोदा और नंद ने किया था। कंस से बचाने के लिए वासुदेव बाल कृष्ण को नंद-यशोदा के पास छोड़कर आए थे।

दिन के आठवें पहर में हुआ था जन्म

भगवान कृष्ण का जन्म दिन के आठवें पहर में अर्ध रात्रि के समय हुआ था।

अष्टभार्या

भगवान कृष्ण की आठ पटरानियां थीं। जिनका नाम रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, कालिंदी, मित्रवृन्दा (या मित्राविंदा), नाग्नजिति (या सात्या), भद्रा और लक्ष्मणा था।

अष्टांग योग 

भगवान कृष्ण अष्टांग योग में भी पारंगत थे। अष्टांग योग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि को कहा जाता है।

अष्ट सिद्धियां 

भगवान कृष्ण साक्षात विष्णु भगवान के पूर्ण अवतार थे इसलिए अष्ट सिद्धियां भी उन्हें प्राप्त थीं। अणिमा , महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व आठ सिद्धियां हैं।

भगवान कृष्ण की मृत्यु 

धार्मिक मतानुसार, भगवान कृष्ण की मृत्यु 125 साल में हुई थी। इस संख्या का योग भी 8 ही आता है। यानि जन्म से लेकर मृत्यु तक अंक आठ भगवान कृष्ण के जीवन में बना रहा।

मूलांक 8 वालों के लिए बेहद शुभ है भगवान कृष्ण की पूजा 

अंक 8 का संबंध भगवान कृष्ण से कितना गहरा है इसके बारे में अब आप जान गए होंगे। इसलिए मूलांक 8 वालों को कृष्ण भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए, ऐसा करने से इस मूलांक वालों को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण की पूजा करने से मूलांक 8 वालों को श्रीकृष्ण की कृपा तो मिलती ही है साथ ही शनि के बुरे प्रभाव भी कम होते हैं।

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