Maoist Press Note : माओवादियों ने 30 नवंबर को छत्तीसगढ़ बंद का किया ऐलान

Maoist Press Note Maoist Press Note
Maoist Press Note

Maoist Press Note  , जगदलपुर। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) के प्रवक्ता विकल्प ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए हालिया मुठभेड़ को लेकर आंध्र प्रदेश पुलिस और सुरक्षा बलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। माओवादी संगठन ने दावे किए हैं कि बीते दिनों हुई मुठभेड़ में नक्सल कमांडर हिड़मा समेत 13 माओवादियों की मौत “फर्जी एनकाउंटर” का नतीजा है। इनके विरोध में संगठन ने 30 नवंबर को छत्तीसगढ़ बंद का ऐलान किया है।

DG-IG Conference Raipur : PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में रायपुर में सुरक्षा समीक्षा बैठक

आंध्र प्रदेश पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप

प्रवक्ता विकल्प द्वारा जारी प्रेस नोट में दावा किया गया है कि सुरक्षा बलों ने बिना किसी चेतावनी के माओवादियों पर हमला किया। प्रेस नोट में कहा गया है कि मुठभेड़ में मारे गए लोगों को पहले पकड़ा गया था और बाद में उन्हें एनकाउंटर में मारा गया। माओवादियों ने इसे “राज्य प्रायोजित हिंसा” बताते हुए इसका विरोध किया है।

Advertisement

हिड़मा की मौत पर उठाए सवाल

हिड़मा के मारे जाने को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने इसे बड़ी सफलता बताया था, लेकिन माओवादी संगठन ने दावा किया है कि हिड़मा की मौत को लेकर फैलाई जा रही जानकारी असंगत और भ्रामक है। प्रेस नोट में कहा गया है कि हिड़मा “पूरी तरह सुरक्षित” है और सरकार जनता को भ्रमित कर रही है।

30 नवंबर को छत्तीसगढ़ बंद का ऐलान

माओवादी संगठन ने मुठभेड़ के विरोध में 30 नवंबर को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है। इस बंद के दौरान सड़क मार्गों, सरकारी कार्यक्रमों और बाजारों को प्रभावित करने की चेतावनी दी गई है। संगठन ने लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील की है।

पुलिस ने आरोपों को किया खारिज

बस्तर पुलिस और आंध्र प्रदेश पुलिस ने माओवादी संगठन के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पुलिस का कहना है कि यह मुठभेड़ वास्तविक थी और सुरक्षाबलों पर फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई की गई। मुठभेड़ स्थल से हथियार, विस्फोटक और माओवादी सामग्री बरामद हुई है, जो स्वयं घटना की सत्यता को प्रमाणित करती है।

बस्तर में सतर्कता बढ़ाई गई

बंद की घोषणा के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बस्तर संभाग में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। बस, ट्रेन और अन्य सार्वजनिक परिवहन पर विशेष निगरानी बढ़ाई गई है। नक्सल प्रभावित इलाकों में संयुक्त सुरक्षा अभियान भी तेज कर दिए गए हैं।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांत रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की है।

आगे क्या?

माओवादी बंद के चलते 30 नवंबर को बस्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है। सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने की तैयारी में जुटी हैं।

Spread the love
Advertisement