देवरिया, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक एंबुलेंस के ड्राइवर ने घायल मरीज को टांके लगा दिए, जिससे मरीज की हालत और भी बिगड़ गई। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था और मरीजों की जान को खतरे में डालने वाली लापरवाही को उजागर करती है।
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क्या है पूरा मामला?
घटना देवरिया जिले के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) की है। मंगलवार को एक सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए इस स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। घायल के सिर में गहरा घाव था और उसे तुरंत टांके लगाने की जरूरत थी। लेकिन, पीएचसी में कोई भी डॉक्टर या स्टाफ उपलब्ध नहीं था।
ऐसे में, वहां मौजूद एंबुलेंस के ड्राइवर ने खुद ही डॉक्टर बनने का फैसला किया। उसने बिना किसी चिकित्सकीय प्रशिक्षण के, घायल के सिर में टांके लगा दिए। शुरुआती जानकारी के अनुसार, टांके सही तरीके से नहीं लगाए गए और घाव से खून बहना जारी रहा। बाद में मरीज की हालत बिगड़ने लगी।
लापरवाही का नतीजा
जब मरीज के परिजनों ने देखा कि उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा है, तो वे उसे तुरंत देवरिया जिला अस्पताल ले गए। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बताया कि घाव पर गलत तरीके से टांके लगाए गए थे, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया था। डॉक्टरों ने तुरंत टांकों को हटाकर घाव को साफ किया और फिर से सही तरीके से टांके लगाए। फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है, लेकिन उसे अभी भी निगरानी में रखा गया है।
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद, स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस ड्राइवर और पीएचसी के जिम्मेदार स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब पीएचसी में डॉक्टर मौजूद नहीं थे। इस तरह की लापरवाही से किसी भी मरीज की जान जा सकती है।
इस पूरे मामले में सीएमओ (Chief Medical Officer) ने जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना स्वास्थ्य सुविधाओं की खराब हालत और मरीजों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चेतावनी है।