कोयला घोटाला मामला : जेल में बंद सूर्यकांत त्रिपाठी को दूसरे जेल में ट्रांसफर करने की तैयारी, कोर्ट में आज होगी सुनवाई

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाला मामले में जेल में बंद आरोपी सूर्यकांत त्रिपाठी को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की तैयारी है. जेल प्रशासन की ओर से आरोपी को अंबिकापुर जेल में ट्रांसफर करने के अर्जी लगाई गई है, जिसपर आज विशेष कोर्ट में सुनवाई होनी है. जेल प्रशासन का आरोप है कि सूर्यकांत जेल में उत्पात मचाते हैं और कार्रवाई में सहयोग नहीं करते हैं.

CG PSC 2021 मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- जिन अभ्यर्थियों पर नहीं है चार्जशीट, उन्हें 60 दिन में दी जाए नियुक्ति

कोर्ट ने दिया था आरोपियों को स्थान्तरित करने का आदेश

ईडी की विशेष कोर्ट में जेल में बंद आबकारी, कोयला और कस्टम मिलिंग के आरोपियों को लेकर शिकायत की गई थी. आरोप लगाया गया था कि वे एक सिंडिकेट चला रहे थे और VIP ट्रीटमेंट का लाभ उठा रहे थे. इस शिकायत के बाद रायपुर जेल ने यह फैसला किया था. वहीं कोर्ट ने सभी आरोपियों को राज्य की विभिन्न जेलों में स्थान्तरित करने का आदेश दिया था.

Advertisement

संपत्ति की कुर्की

बता दें कि ED ने अवैध कोयला लेवी घोटाले के केस में मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी और अन्य से संबंधित पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 30 जनवरी 2025 तक 49.73 करोड़ रुपए मूल्य की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया गया, जिसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नकदी, आभूषण और जमीन शामिल है. ये संपत्तियां कोयला घोटाले के कथित मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी के साथ बाकी आरोपियों की भी है.

Aaj Ka Rashifal 30 July 2025: आज के दिन इन 2 राशियों को हो सकता है बड़ा धन लाभ, करियर क्षेत्र में भी दिखेगा सुधार, पढ़ें दैनिक राशिफल

क्या है कोयला लेवी मामला

ED की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से अवैध वसूली की. जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के हर टन पर 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली गई. 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था.

खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई ने आदेश जारी किया था. यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों को दिया जाता है. पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया. इसमें जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था, यह रकम 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी. इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपये की वसूली की गई.

कहां खर्च की अवैध कमाई

जांच में सामने आया है कि इस घोटाले की राशि को सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने में खर्च किया गया. साथ ही चुनावी खर्चों के लिए भी इस अवैध राशि का इस्‍तेमाल किया गया. आरोपियों ने इससे कई चल-अचल संपतियों को खरीदा.

Spread the love
Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement