छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री से जुड़ी 10 नई डिजिटल सुविधाओं की शुरुआत, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया शुभारंभ

रायपुर, 2 मई 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार ने आज से पंजीयन प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर में रजिस्ट्री से जुड़ी 10 नई तकनीकी और नागरिक हितैषी सुविधाओं का शुभारंभ किया। इन सुविधाओं का उद्देश्य पंजीयन प्रक्रिया को पारदर्शी, सुरक्षित और आम नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाना है।

सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह पहल राज्य को डिजिटल शासन की दिशा में और सशक्त बनाएगी। इन सेवाओं के लागू होने से न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की संभावनाएं भी कम होंगी।

ये हैं नई 10 प्रमुख सुविधाएं:

  1. आधार लिंक प्रमाणीकरण — पंजीयन प्रक्रिया में अब गवाहों की बजाय आधार बायोमेट्रिक से पहचान की जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े की आशंका कम होगी।

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  2. ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड — अब संपत्ति खरीदने से पहले उसकी पूरी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त की जा सकेगी, साथ ही पूर्व रजिस्ट्री दस्तावेजों की कॉपी भी डाउनलोड की जा सकेगी।

  3. भारमुक्त प्रमाण पत्र — संपत्ति पर बंधक या ऋण की स्थिति का प्रमाण पत्र अब ऑनलाइन ही प्राप्त किया जा सकेगा।

  4. कैशलेस पेमेंट सिस्टम — अब रजिस्ट्री फीस और स्टांप शुल्क का भुगतान क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, UPI और नेट बैंकिंग के जरिए एकीकृत प्रणाली से किया जा सकेगा।

  5. वॉट्सऐप नोटिफिकेशन सेवा — रजिस्ट्री से जुड़ी हर प्रक्रिया की जानकारी अब पक्षकारों को वॉट्सऐप के जरिए मिलेगी।

  6. डिजी-लॉकर इंटीग्रेशन — रजिस्ट्री दस्तावेज अब डिजी-लॉकर में सुरक्षित रखे जा सकेंगे, जिससे बार-बार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

  7. ऑटो डीड जनरेशन — अब रजिस्ट्री के लिए दस्तावेज स्वतः जनरेट होंगे और पेपरलेस प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

  8. डिजी-डॉक सेवा — रोजाना इस्तेमाल होने वाले दस्तावेज जैसे शपथ पत्र, अनुबंध पत्र आदि डिजिटल स्टाम्प के साथ ऑनलाइन बनाए जा सकेंगे।

  9. घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा — होम विजिट के जरिए पारिवारिक रजिस्ट्री के लिए मात्र 500 रुपए में पंजीयन कराया जा सकेगा।

  10. स्वतः नामांतरण की सुविधा — पंजीयन के बाद संपत्ति का नामांतरण अब तुरंत राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में अपडेट हो जाएगा, जो पहले महीनों का काम होता था।

तकनीकी समन्वय

यह प्रणाली पंजीयन विभाग, राजस्व विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के सहयोग से विकसित की गई है। यह सुविधा अब तक केवल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और हरियाणा जैसे राज्यों में उपलब्ध थी, लेकिन अब छत्तीसगढ़ भी इस डिजिटल बदलाव का हिस्सा बन गया है।

छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल को आम लोगों के जीवन को सरल और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है

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